Iran vs US: ईरान ने ट्रंप के परमाणु वार्ता प्रस्ताव को ठुकराया – क्या बढ़ेगा तनाव?
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परमाणु वार्ता पर Iran का कड़ा रुख
Iran के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने स्पष्ट रूप से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। ईरानी सरकार ने इसे “धमकाने की नीति” करार दिया और कहा कि जब तक अमेरिका सभी प्रतिबंध नहीं हटाता, तब तक किसी भी वार्ता की संभावना नहीं है।
US का प्रस्ताव और ईरान का जवाब
Trump ने ईरान को एक नया समझौता करने का प्रस्ताव दिया था, जिसके तहत वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित कर सकता था। लेकिन ईरान ने इसे अमेरिका की “धोखेबाज नीति” बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि “हम किसी दबाव में आकर वार्ता नहीं करेंगे।”
Iran, US के बीच बढ़ता तनाव
Iran यूरेनियम संवर्धन को उच्च स्तर पर ले जा चुका है, जिससे उसके परमाणु हथियार विकसित करने की आशंका बढ़ गई है।
अमेरिका ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
ईरान का कहना है कि जब तक अमेरिका पुराने परमाणु समझौते (JCPOA) में वापस नहीं आता, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।
वैश्विक प्रभाव – क्या बढ़ सकता है युद्ध का खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देश अपने-अपने रुख पर अड़े रहे, तो मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ सकता है। अमेरिका पहले ही ईरान पर कई प्रतिबंध लगा चुका है और नई सरकारें भी इस नीति को जारी रख सकती हैं।
निष्कर्ष
Iran ने के प्रस्ताव को ठुकराकर यह साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है। अब सवाल यह है कि क्या अमेरिका और ईरान के बीच कभी कोई वार्ता होगी या फिर टकराव का खतरा और बढ़ेगा?
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