Kolkata Earthquake : कितना खतरनाक था यह भूकंप?
हाल ही में कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया। यह भूकंप बंगाल की खाड़ी में आया, जिसकी तीव्रता 5.1 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। आइए जानते हैं इस भूकंप का पूरा विवरण और यह कितना खतरनाक था।
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भूकंप का केंद्र और समय
भारतीय भूकंप विज्ञान केंद्र (IMD) के अनुसार, भूकंप का एपीसेंटर बंगाल की खाड़ी में था। यह झटका शुक्रवार सुबह (या जिस दिन हुआ हो) महसूस किया गया, जिसकी वजह से कोलकाता और आसपास के इलाकों में लोग घबरा गए।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र:
✅ कोलकाता
✅ हावड़ा
✅ दुर्गापुर
✅ असम और झारखंड के कुछ हिस्से
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क्या यह भूकंप खतरनाक था?
5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप मध्यम श्रेणी का होता है, लेकिन यह इमारतों और ढांचागत संरचनाओं पर ज्यादा असर नहीं डालता। हालांकि, कमजोर इमारतों में दरारें आ सकती हैं और ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को कंपन ज्यादा महसूस हो सकता है।
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लोगों की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप!
भूकंप के झटके लगते ही लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। कई लोगों ने ट्विटर (X) और फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
कुछ लोगों ने लिखा:
▶️ “अचानक से फर्श हिलने लगा, हमें लगा कोई मजाक कर रहा है!”
▶️ “यह झटका बहुत तेज था, डर के मारे हम सब नीचे आ गए!”
▶️ “क्या कोलकाता में बड़े भूकंप का खतरा बढ़ रहा है?”
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क्या कोलकाता में बढ़ रहा है भूकंप का खतरा?
विशेषज्ञों के अनुसार, कोलकाता भूकंपीय क्षेत्र III (Seismic Zone III) में आता है, जिसका मतलब है कि यहां मध्यम तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं। हालांकि, यह जोन बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।
पिछले बड़े भूकंप:
▶️ 1897 में 8.1 तीव्रता का असम भूकंप – कोलकाता में भी असर हुआ।
▶️ 1934 में 8.0 तीव्रता का बिहार-नेपाल भूकंप – कोलकाता में हल्के झटके महसूस हुए।
▶️ 2001 में गुजरात भूकंप (7.7 तीव्रता) – कोलकाता तक कंपन महसूस हुए।
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भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें?
✅ करें:
✔️ ठंडे दिमाग से काम लें और तुरंत खुले स्थान पर जाएं।
✔️ टेबल, बेड या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें।
✔️ लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
✔️ सरकारी अपडेट और भूकंप विज्ञान केंद्र की जानकारी पर नजर रखें।
❌ ना करें:
❌ पैनिक में इधर-उधर न भागें।
❌ ऊंची इमारतों में खिड़कियों या शीशों के पास न खड़े हों।
❌ मोबाइल नेटवर्क पर ज्यादा दबाव न डालें, ताकि इमरजेंसी कॉल्स काम कर सकें।
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निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
कोलकाता में आए इस भूकंप ने लोगों को झकझोर कर रख दिया, लेकिन सौभाग्य से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, यह घटना एक संकेत है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए।
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