Budget session 2025: संसद में अनुदान मांगों पर होगी अहम चर्चा, जानिए क्या हो सकते हैं बड़े फैसले

Budget session 2025: संसद में अनुदान मांगों पर होगी अहम चर्चा, जानिए क्या हो सकते हैं बड़े फैसले

Budget session 2025: संसद में अनुदान मांगों पर चर्चा, जानिए क्या होंगे प्रमुख मुद्दे

नई दिल्ली, 11 मार्च 2025: भारतीय संसद के बजट सत्र 2025 (Budget Session 2025) का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस चरण में कृषि, रेलवे, जलशक्ति, शहरी विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख मंत्रालयों की अनुदान मांगों (Grant Demands) पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

अनुदान मांगें क्या होती हैं और इनका महत्व क्या है?

अनुदान मांगें वे वित्तीय प्रस्ताव हैं, जो सरकार संसद में प्रस्तुत करती है ताकि विभिन्न मंत्रालयों को सालभर के लिए आवश्यक बजट आवंटित किया जा सके। इन मांगों पर चर्चा के बाद संसद द्वारा इन्हें मंजूरी (Approval) दी जाती है, जिससे सरकारी खर्चों को कानूनी वैधता मिलती है।

किन मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर होगी चर्चा?

Finance Minister is standing in front of parliament

Budget session 2025 में निम्नलिखित मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी:

1. कृषि मंत्रालय

किसानों के लिए नई योजनाओं का ऐलान संभव।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बढ़ोतरी हो सकती है।

मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए अतिरिक्त बजट प्रस्तावित।

2. रेलवे मंत्रालय

नई हाई-स्पीड ट्रेनों और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर।

रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए विशेष पैकेज।

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को अतिरिक्त फंडिंग की उम्मीद।

3. जलशक्ति मंत्रालय

‘हर घर जल’ योजना के विस्तार पर चर्चा।

नदी जोड़ने की परियोजनाओं के लिए बजट प्रस्तावित।

सूखा प्रभावित राज्यों को अतिरिक्त सहायता।

4. शहरी विकास मंत्रालय

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत नए शहरों को शामिल करने की योजना।

मेट्रो विस्तार परियोजनाओं के लिए नई घोषणाएं।

किफायती आवास योजनाओं के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी।

5. स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय

नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए अतिरिक्त बजट।

स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग।

आयुष्मान भारत योजना का विस्तार संभव।

Budget session 2025 का राजनीतिक प्रभाव

बजट सत्र में पेश होने वाली अनुदान मांगें आगामी लोकसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं। विपक्षी दलों द्वारा कई मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर सवाल उठाए जा सकते हैं।

इस सत्र से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?

सरकारी योजनाओं को पर्याप्त फंडिंग मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश बढ़ेगा, जिससे नई नौकरियां सृजित होंगी।

अगर कुछ अनुदान मांगों में कटौती होती है, तो संबंधित सेक्टर्स में संकट आ सकता है।

निष्कर्ष

Budge session 2025 का यह चरण देश के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। संसद में होने वाली चर्चाओं से यह साफ होगा कि सरकार किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है और किन योजनाओं को ज्यादा फंडिंग मिलेगी।

आप इस बजट सत्र में किन मुद्दों पर चर्चा होते देखना चाहते हैं? कमेंट में अपनी राय दें और इस खबर को शेयर करें!

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